बड़ी कम्पनी से कैसे बचें दुकानदार | Himanshu Aum

सभी दुकानदार सावधान!!! ख़तरे में है अस्तित्व आपका

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ऐमज़ान, बिग-बास्केट, ग्रोफ़र्स इत्यादि सब लग गए हैं आपकी दुकान बंद करके अपना धंधा ज़माने में। इन बड़ी कम्पनियों से कैसे बचें दुकानदार, आइए जानें।

इस महामारी के दौर में अगर हॉस्पिटल के सिवा कोई और बिज़नेस चल रहा है, तो वो है सिर्फ़ और सिर्फ़ ग्रोसरी और सब्ज़ी के दुकानदारों का। इसी के चलते आज ऐमज़ान से लेकर बिग-बास्केट व ग्रोफ़र्स तक, दुनिया की हर बड़ी कम्पनी ने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रखा है ग्रोसरी के क्षेत्र पर।

क्या आप जानते हैं कि भारत की ग्रोसरी मार्केट आज 42 लाख करोड़ रुपए की है और 2022 तक ये तक़रीबन 5,00,00,00,00,00,000/- (50 लाख करोड़ रुपए) पहुँच जाएगी। हम भारतीय अपनी आय का 50 प्रतिशत से ज़्यादा ख़र्च केवल घर की ग्रोसरी पर ही करते हैं। और बार बार सामान ख़रीदने की दुकान नहीं बदलते हैं।

यही कारण है कि विदेशी कम्पनियाँ ग्राहकों को लुभाने के लिए काफ़ी ऑफ़र दे कर, लगातार नुक़सान उठा रही हैं। मगर फिर भी लगी हुई हैं ऑनलाइन परचून का सामान बेचने में। ये कम्पनियाँ विदेशों से इन्वेस्टमेंट लेकर जिसमें चीन भी शामिल है, भारत में अपना प्रचार करती हैं। और हमें और हमारे देश को आर्थिक रूप से अपना ग़ुलाम बनाना चाहती हैं।

Big Online Companies and their Revenue-Profit Chart | Himanshu Aum
ऐमज़ान, फ्लिपकार्ट और पे-टीएम को पिछले दो साल में हुआ हज़ारों करोड़ों का नुक़सान

एक दुकानदार जो अपने आस-पास की जगह पे, पहले ख़ुशहाली से सामान बेचता था, वो अब नहीं बेच पा रहा है। एक रीसर्च के दौरान सामने आया कि आने वाले एक से दो वर्षों के अंदर, ये ऑनलाइन बड़ी कम्पनियाँ, हर घर तक अपनी पहुँच बना लेंगी। इसके बाद या तो दुकानदारों को अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी या फिर इन बड़ी कम्पनियों के लिए काम करना होगा। और कुछ कम्पनियों ने तो ये काम शुरू भी कर दिया है।

ग्राहक क्यों ख़रीदते हैं ऑनलाइन कम्पनियों से?

Survey: Why People buy Online? | Himanshu Aum
15 कारण – ग्राहक ऑनलाइन कम्पनियों से सामान क्यों ख़रीदते हैं?

एक सर्वे करके पता लगाया गया कि ग्राहक आख़िर ऑनलाइन कम्पनियों से ख़रीदना क्यों पसंद करते हैं। जिसके मुताबिक़ लगभग 58% (सबसे अधिक मात्रा में) लोगों ने कहा कि वो बिना कहीं जाए अपने घर पर ही आराम से स्मार्ट्फ़ोन के द्वारा ऑर्डर कर पाते हैं।

54% ने कहा कि डिटेल देख पाते हैं। 40% लोग कहते हैं की समय की बचत होती है और 39% ने कहा दुकान पर जाए बिना ही काम चल जाता है, इसलिए!

पूरे सर्वे के बाद मुख्य रूप से 15 कारण सामने आए, अब देखना ये है की हमारे दुकानदार यानी आप, इनमे से कितनी सुविधाएँ दे पाते हैं अपने ग्राहक को?

अगर आप अपनी दुकान में देखें तो शायद दो-तीन या फिर एक भी नहीं? लेकिन क्या इसका कोई समाधान है? जिससे आप ये सारी की सारी, या फिर अधिकतम सुविधाएँ अपने ग्राहक को दे पाएँ और एक दुकानदार के नाते बड़ी कम्पनियों से कैसे बचें?

इसका जवाब है, हाँ! ओम-ओलो द्वारा ये आसानी से सम्भव है।

जानिए कैसे ओम-ओलो आपको बचाएगा इन ऑनलाइन कम्पनियों के जाल से…

ओम-ओलो का जन्म ही दुकानदारों को ऑनलाइन कम्पनियों से बचाने के लिए हुआ है। ओम-ओलो लेटेस्ट टेक्नॉलजी पर बनाया गया एक वेबसाइट व मोबाइल ऐप है।

ओम-ओलो के द्वारा आप अपने ग्राहक को ऊपर दी गयी अधिकतम सुविधाएँ दे पातें हैं। और सिर्फ़ इतनी ही नहीं, कुछ ऐसी सुविधाएँ भी हैं, जो बड़ी कम्पनियाँ देने के लिए सोच भी नहीं पा रही हैं। परन्तु ओम-ओलो के माध्यम से आप वो सब सुविधाएँ भी अपने ग्राहक को दे पाते हैं।

AumOLO helps Shopkeeper in Customer Convenience | Himanshu Aum
हरे रंग से दर्शाई गई सभी सुविधाएँ आप ओम-ओलो के माध्यम से दे पाएँगे अपने ग्राहक को

किसी भी ऐप को बनाने की क़ीमत लाखों रुपयों तक जाती है, जो की एक दुकानदार के लिए ख़र्च करना मुश्किल हो सकता है। और इसी बात का पूरा फ़ायदा उठा रही हैं ये कम्पनियाँ। ना बन सकेगा ऐप और ना की कर पाएँगे दुकानदार इन कम्पनियों से मुक़ाबला।

पर अब नहीं! अब दुकानदार अपनी ख़ुद की वेबसाइट और मोबाइल ऐप बनवा सकते हैं बिना कोई भारी रक़म चुकाए। जी बिलकुल, अब इन ऑनलाइन कम्पनियों से करें मुक़ाबला और बचाएँ अपने अस्तित्व को।

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नीचे कामेंट्स में मुझे ज़रूर बताएँ की आपको ये ब्लॉग-पोस्ट कैसा लगा।

धन्यवाद!

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Himanshu Aum is an Organismic Entrepreneur and Director in AumsWow Wellness Private Limited. He has been working in different fields since his early years i.e. at the age of 8.

He is an unschooled guy, who is now an IT Entrepreneur.

After working in the field of Naturopathy, Medicinal Farming, Construction, Real Estate, Financial Consultancy, GIS. Now he is exclusively devoted towards the development of Web / Mobile Apps in the field of Health, Social-Behavioral, Business Management, Enterprise Solutions etc.

He strongly believes that the technology is of the best use only when it is useful for everyone, in every walk of life for the easiness and betterment.

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